शनिवार, 10 मार्च 2012

मिडिया इवेंट - राईट टू रिकाल


खबरिया चैनलों की बाढ़ और फिर उनका चौबीस घंटे प्रसारण ! आधे घण्टे के समाचार को कितना भी लम्बा  खींच लें 24 घण्टा तो हो नहीं सकता फिर उबाऊ और बोरियत भरी खबरों को सुनसुन कर दर्शकों का टोटा होगा ! TRP घटेगी तो विज्ञापन के लाले पड़ेंगे मतलब साफ है अर्थ व्यर्थ सब अनर्थ ! इसलिए खबरों का चटपटा और मसालेदार होना जरूरी है ! ऐसी ही मसालेदार खबरों के लिए कच्चा माल सप्लाई करने वाला यूपी चुनाव अब बीत चुका है !

मीडिया का दुर्भाग्य कि समाजवादी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने के कारण विधायकों की “मण्डी लाईव” कार्यक्रम आयोजित नहीं हो पाया और एक बड़ा मिडिया इवेंट बनते बंमते रह गया ! किसी के साड़ी पहनने और बच्चों को चुनावी खबर बनाकर परोसने वाली जागृत मिडिया पर ये किसी कठोर वज्रपात से कम नहीं है ! कितनी तैयारी करवाई थी ! एजेंसियों से एक्जिट पोल कराया फिर हन्ग असेम्बली का ब्रह्म भविष्यवाणी किया !  सोचा तो यही था विधायक यहाँ वहाँ हगते फिरेंगे और वे नत्था के जैसे उन्हे पीपली लाइव कव्हर कर सनसनी फैलाकर TRP बटोरेंगे लेकिन हाय री अभागी किस्मत और धोखेबाज जनता , तूने स्पष्ट बहुमत देकर सुहागन मीडिया को भरी जवानी में ही विधवा ही कर दिया !

पाँच राज्यों के चुनावों विशेषकर उत्तरप्रदेश के बाद अचानक आये इस मिडिया सूनामी जलजले से कार्पोरेट मीडिया की TRP तबाह हो गई और अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुजर रही है !  उसे इस मंदी से उबरनेके लिए बेल आऊट पैकेज में किसी बड़े इवेंट की जरूरत है और इस राष्ट्रहित के नेक कार्य में अन्ना हजारे से बड़ा प्रिमीयम प्रोडक्ट और कौन हो सकता है ? इसलिए अन्ना के आंदोलन से जनता को उत्सुकता ना हो लेकिन मिडिया इस चंदामामा की तरफ चकोर बन रेगिस्तान के प्यासे की तरह टकटकी लगाये देख रही है ! कई अनुष्ठान किये जा रहे होंगे कि अब इस नये तमाशे राईट टू रिकाल में भीड़ का टोटा ना पड़े और हाऊस फुल  शो बन हिट हो जाय तो फिर TRP संजीवनी से नया जीवनदान  मिल जाये ! 

इस नये खेला के लिए अभी मेगा प्रोजेक्ट तैयार हो रहा है, बस बच्चों की बोर्ड परीक्षायें खत्म हो जायें फिर देखिये नया खेला “तू चोर मैं सिपाही”
रोजाना 24 घंटे बार बार लगातार राईट टू रिजेक्ट बिल ! टाईम टेबल भी बन गया है और कालखण्ड का विभाजन पूर्व की तरह ही किया गया है ..  6 घण्टे अन्ना के लिए ( जिसमें नित्य क्रिया
, शौच आदि के कार्यक्रम सम्मिलित है ) , 3 घण्टा केजरी किरण स्पेशल,  3 घण्टा दिग्गी और मनीष का मिकी माऊस शो  2 घण्टे संजय झा, शाजिया इल्मी का डोनाल्ड डक एक्स्पर्ट कामेंट्स और 10 घण्टा मेरी साड़ी उसकी साड़ी से सफेद कैसे वाले विज्ञापन ! सब पहले से फिक्स है !


इन सब चक्करों से इतर इतना समझ लें जन आंदोलन किश्तों में और मिडिया में नहीं होता ! लेकिन बिना जाने बूझे और समझे इसे पढ़ते ही अन्नावादी फाईनेंसियल इरेग्यूलर लोग राशन पानी लेकर चढ़ जायेंगे ! लानत मलामत की बौछार होगी और चीख चीख कर कहेंगे  मिस्टर महापात्र तुम्हारी सोच गंदी है
, कलम का दुरूपयोग करते हो, अपनी हरकतों से बाज आओ, तुम भ्रष्टाचार समर्थक हो ! कुछ उच्च कोटी के गालियों का भी गुफ्तार करेंगे लेकिन हम ठहरे उँगलबाज, आदत है उँगली करते ही रहेंगे ! लेकिन बुध्दजीवियों से अपेक्षा है क्लोरोमिंट खायें दिमाग की बत्ती जलायें क्योंकि ये सिर्फ जुबान पर लगाम लगाता है उँगलियों पर नहीं :):):)

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