अन्ना गैंग
के कोर कमेटी के एक मात्र मुस्लिम सदस्य मौलाना काजमी को टीम से बर्खास्त कर दिया
गया ! काजमी दावा कर रहें है कि उन्होने खुद ही अन्ना गैंग को लात मार दी । काजमी
की बातों में कितनी सच्चाई है ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा । लेकिन राजू
पारेलकर से लेकर वी. पी. राजगोपाल और पर्यावरण कार्यकर्ता राजेंद सिंह तक एक एक कर
टीम छोड़ने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है ।
यहाँ ये कहना आवश्यक है कि टीम अन्ना के गद्दीदार केजरी और किरण ने काजमी और राजू की तो खूब भर्त्सना की और अन्ना से भी करवाई लेकिन राजगोपाल और राजेंद्रसिंह के मामले में मौन रहे । इसका अर्थयही है कि पहले दोनो व्यक्तियों कि सामाजिक क्षेत्र में व्यक्तिगत उपलब्धि और मान्यता प्राप्त नहीं है लेकिन बाकी दो सामाजिक क्षेत्र के कार्यों में प्रतिष्ठित व्यक्ति है इसलिए शायद उनकी मजम्मत करने की हिम्मत नहीं हुई ।
मेरे कुछ
अंधे अन्ना भक्तों के लिए मैं कुछ देर के लिए मान भी जाता हूँ कि अन्ना के तीन
कार्टून, the 3K -केजरी, कुमार और किरण
इमानदारी और सत्यनिष्ठा के मानक प्रतिमान है और मौलाना काजमी झूठ बोल रहें हैं तो
इन 3K के ही बयान अनुसार काजमी को इसलिए निकाला गया क्योंकि
वे गैंग अन्ना की जासूसी कर रहे थे और बैठकों की गोपनीय तरीके से विडियो क्लिपिंग बना रहे थे । चलिए ठीक है काजमी
की तरफ से मैं स्वीकार करता हूँ कि विडियो क्लिपिंग बनाया लेकिन उस क्लिपिंग में
ऐसा क्या था कि इतना बवाल मच गया और काजमी को लात मारकर बाहरकरना पड़ा । क्या उसमें
ऐसी कोई बात थी जो सार्वजनिक हो जाती तो अन्ना गैंग की धोती खुल जाती ।
दूसरों
को बार बार नसीहत देने वाली अन्ना गैंग को क्या वो दिन याद नहीं जब पिछली गर्मी
में जनलोकपाल पर बनी दस सदस्यीय ड्राफ्टिंग कमेटी के विडियो रिकार्डिंग और सीधे
प्रसारण की माँग कर सब कुछ पारदर्शी करने का विधवा प्रलाप कर रहे थे । अब अपनी ही
मिटिंग की रिकार्डिंग या सीधे प्रसारण को सार्वजनिक करने की बात तो छोड़िये उसकी
केवल तीन क्लिपिंग से ही हड़कम्प मचा हुआ है !
इंडिया
अगेस्ट करप्शन के स्वघोषित सिविल नुमाईंदो आखिर तुम लोग देश की जनता से चंदा इकठ्ठा
कर ऐसा कौन सा डेविल काम कर रहे हो जिसके सार्वजनिक होने में तुम्हे अपना चरित्र
नंगा होने का भय सता रहा है । कहीं ऐसा तो नहीं कि वास्तव में मौलाना काजमी ही सही
हों और वे तुम्हारे असलियत और इस आंदोलन के की
आड़ में छुपे हुए कुटिल इरादों को रिकार्ड कर लिया हो ।
काजमी
की बात कहाँ तक सही है ये तो आने वाले वक्त में यकीनन पता चल जायेगा क्योंकि भूषण
का चरित्र उसे लम्बे समय तक खामोश बैठने नहीं देगा और केजरी बाबू, ये कुमार विश्वास तब तक ही तुम्हारा साथ निभायेगा जब तक इस आंदोलन के कारण
उसकी भाँड सम्मेलन में माँग बनी रहेगी । इसलिए
ये शतुरमुर्ग की तरह अपना गर्दन रेत में
गाड़ कर ये मत सोचो कि कोई तुम्हारी असलियत नहीं देख पायेगा । जिस दिन जनता ये बात
समझ गई उस दिन तुम्हारी हालत धोबी के चौपाये जैसी हो जायेगी । ना तो सिविल सोसाईटी
के मेम्बर रह पाओगे ना ही डेविल सोसाईटी के , तब तुम्हारा ये
संगठन IAC सामान्य ज्ञान की किताब में इण्डिया एलान्ग विथ करप्टेड
मीर जाफर्स लिखा जायेगा ॥
दिल देख जमाने की यारी
जवाब देंहटाएंबिछड़े सभी बारी बारी (एक फिल्म का गाना)
सच तो यह है कि अन्ना (टीम) का चरित्र सदैव ही संदेहास्पद रहा है, ये बात और कि परदे धीरे धीरे हट रहे हैं
आर टी आई की मांग करने वालों की जब इन्फोर्मेशन बाहर जाने लगी तब याद आया की "दर्द" बड़ा सेकुलर चीज होती है और आज मेरी तो कल तेरी बारी है पर काम करता है.
जवाब देंहटाएंअन्ना टीम स्वयं भू भारतीय जन गन मन के प्रवक्ता होने का मुगालता पाले हुए है और लगातार मै सही तू गलत के बहस में उलझी हुई है जिससे इनके मनसूबे साफ हैं ...ये देश के लिए नहीं अपने लिए काम कर रहें हैं ...इसलिए २० -२२ की टीम लगातार छोटी होती जा रही है इसके विपरीत बाबा रामदेव लगातर संगठन का विस्तार कर रहें है जो लोग उनसे अलग हो गए थे उन्हें जोड़ रहें हैं अपने मंच विभिन्न विशेषज्ञों को जगह देकर सार्थक चर्चा करा रहें हैं |
जवाब देंहटाएंकिसी भी उद्देश्य की सफलता उसमे शामिल हुए लोगों के चाल, चेहरा और चरित्र पर भी निर्भर करती.....टीम अन्ना के सदिग्ध चरित्र लोगों ने ,चाल चल कर,,अन्ना का चेहरा मुखौटे के रूप में प्रयुक्त किया है...जो वास्तविकता जान जाते हैं...वो दूर होते जाते हैं. अब देखना ये है की खुदा न खास्ता इस मुखौटे का भी अपनी टीम से मोहभंग हुआ तो ये किसकी आड़ में अपने स्वार्थ की रोटियां
जवाब देंहटाएंसेकेंगे ?????
बहुत ही रोचक प्रस्तुति है आपकी ..साधुवाद
धन्यवाद अतुल भाई
जवाब देंहटाएंकाजमी जी सही कह रहे हैं , अन्ना ही टीम ही गन्दी है
जवाब देंहटाएंसुन्दर. अब एक और चेहरे की तलाश करनी होगी.
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