यूँ तो इन दिनों परम्परागत क्रिकेट के नियमों में कई बदलाव आ गयें है और 6 दिवसीय टेस्ट मैच अब 20-20 के चंद
घण्टों का खेल बन गया है । अब फ्रीहिट,
स्ट्रेजिटिक टाईम आऊट, रंगीन कपड़े कितने नियम बदल गये हैं । इन
नियमों के बदलाव में काफी समय लगा लेकिन इस परम्परा की शुरूआत हमने आज से पच्चीस
साल पहले ही कर दी थी । उस जमाने में सबसे पहले 15-15 की शुरूआत हमने किया है ।
आज 20-20 का खेल दो तरह का होता है पहला दो देश के खिलाड़ी इस मैच को खेलते हैं , दूसरा आई पी एल टाईप क्लब टूर्नामेंटों में आपस में बंटकर खेलते हैं । वास्तव में ये आईपीएल का बेसिक आईडिया हमारा ही था सर्वप्रथम इसे हमने ही सप्ताह में सोमवार से शनिवार तक मुहल्ले के खिलाड़ी आपस में बंटकर दो टीम बनाते थे और डीपीएल याने डेली प्रिमीयर लीग खेलते थे । रविवार को मुहल्ले की टीम दूसरे मोहल्ले की टीम से मैच खेलती थी जैसे दो देश आपस में मैच खेलते हैं ।
आईये आपको हमारे इन दोनो प्रकार के खेल के नियमों से परिचित करायें ।
मुझे यकीन है कि इसमें से कई नियम पूरे भारत में मान्य कर लिये गये थे और आपने भी
अपने बचपन में इसी नियमों से बँध कर क्रिकेट खेला होगा ।
डेली प्रीमियम लीग में टीम निर्धारण –
1 मैदान में सर्वप्रथम आने वाले दो खिलाड़ी उस दिन के मैच के विरोधी
कप्तान घोषित किये जायेंगे ।
2 फिर टूटी हुई खपरैल में एक ओर थूककर हेड और टेल की स्थिति बनाई जायेगी
और एक कप्तान खपरैल को उछालकर दूसरे कप्तान को गीला या सुखा चुनने का आमंत्रण देगा
।
3 टॉस जीतने वाला कप्तान उपलब्ध खिलाड़ियों में से अपने पक्ष के लिए
सर्वप्रथम एक खिलाड़ी का चयन करेगा उसके बाद दोनों कप्तान बारी बारी से एक एक
खिलाड़ी का चयन करेंगे । विषम संख्या में
खिलाड़ी के उपलब्ध होने पर मैच प्रारंभ होने के बाद आने वाला नया खिलाड़ी कम
संख्या वाले टीम का स्वत: सदस्य घोषित होगा ।
4 कोई भी कप्तान अपने स्वयं के रिस्क पर अनुपस्थित किसी अच्छे खिलाड़ी
का भी चयन कर सकता है लेकिन उसके ना आने पर भी उसकी गिनती प्लेईंग इलेवन में होती
और वह कप्तान एक खिलाड़ी कम रख कर ही मैच खेलने का रिस्क लेगा ।
5 बैटिंग या फील्डिंग का निर्णय फिर से नई खपरैल में थूक लगाकर उछालकर
किया जायेगा लेकिन इस बार उछालने की प्रक्रिया दूसरा कप्तान सम्पन्न करेगा ।
6 एक टीम में ग्यारह खिलाड़ी से कम होने पर बैटिंग करने वाली टीम के
खिलाड़ी संख्या को पूरा करेंगे जिसे कामन फील्डर कहा जायेगा । कामन फील्डर का
निर्धारण फील्डिंग कप्तान करेगा ।
7 बल्लेबाज के आऊट होने के बाद बैटिंग करने आने वाला खिलाड़ी अपनी बारी
आने तक अम्पायरिंग करेगा ।
8 अंतिम बल्लेबाज भी अकेले बैटिंग करेगा अर्थात 15 ओव्हर या सभी बल्लेबाजों
को आऊट करना अनिवार्य होगा।
9 स्ट्म्प का निर्माण झाड़ियों से डण्डे तोड़कर किया जायेगा जिसकी उँचाई
दोनो कप्तान के आपसी सहमती से किसी एक के घुटने के बराबर होगी । स्टम्प के बीच की
दूरी इतनी फैलाई जायेगी कि बाल उसके बीच से निकल ना पाये । पापिंग क्रीज की लम्बाई
एक पूरे बल्ले और हत्थे की लम्बाई के योगफल के बराबर होगी ।
10 बल्लेबाज द्वारा लगाये गये जोरदार हिट से यदि बॉल किसी घर के छत की
खपरैल को नुकसान पहुँचाती है तो इसका जिम्मा सभी खिलाड़ियों का होगा और मारपीट होने
की स्थिति में सभी खिलाड़ी एकजुट होकर सामने वाले की बैण्ड बजायेंगे ।
अब इस मैच का भूमण्डलीकरण हो चुका है और आज से उसका शुभारंभ भी है , इसलिए भूख प्यास , मँहगाई , कानून व्यवस्था , गरीबी इन तमाम छोटे – मोटे मुद्दों में अपना माथा न खपाकर इण्डियन पैसा लीग का आनन्द उठाये ।
हमारे भरोसे मत रहें ... अपनी अपनी
सुविधानुसार गर्ल्स / लीडर / दारू किसी के साथ भी अनिवार्य रूप से चीयर्स करें ...
हैप्पी आईपीएल सीजन सिक्स
पुरानी याद ताज़ा हो गई संजय जी..
जवाब देंहटाएंआभार आपका ..
जवाब देंहटाएंबहुत ही मजेदार और सुनहरी यादों से जोड़ने वाला लेख
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति संजयजी यूँ लगा जैसे बचपन में पहुँच गए ..................शानदार ....... आईपीएल से भी शानदार .............. :)
जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा लेख, बचपन की गलियों में घुमा कर ले आया, मैं तो भूल ही गया था कि हमारे हेड और टेल, तो गीला या सूखा ही हुआ करते थे. बहुत बहुत धन्यवाद और बधाईयाँ..
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