चेला भोला शंकर
सुबह सुबह अपना कुकुर घुमाते हुए हमारे घर पहुँचा और दरवाजे पर जोर से चिल्लाया –
जग गये का महाराज ?
हमारी अधूरी नींद टूटी, इसलिए गुस्से में मुँह से आदतन निकल गया – कौन है बे कुत्ते ?
बाहर से आवाज आई – हम हूँ, आपका परधान चेला , भोलाआआआआ , पहिचानबे नहीं किये का ?
हमने कहा – अरे
भोला तू , आ अन्दर आ जा ।
भोला उदास होकर शिकायती लहजे में बोला – का महाराज, आपने हमें कुत्ता बोल दिया ।
हमने कहा – अरे नहीं भोला, उ त हम तुमको को सपना में भी नहीं बोल सकता, हम त झरोखा
से झाँक कर देखा त तुम्हारा केवल ई कुकुर ही दिखा इसलिए उससे ही पूछ बैठा । चल छोड़,
बता आज सुबह सुबह इधर कैसे ?
उसका चेहरा हमारे स्पष्टीकरण से ठीक वैसे ही खिल उठा जैसे नेता जी का चुनाव जीतने
के बाद । बोला – महाराज, आज का कुछ नया ताजा माल है क्या ?
हमने कहा - कौन सा, सौ टका टंच वाला ????
वो बोला - अब आपका माल त टंचे रहता है, लेकिन सुबह का टाईम है, अगर कुछ धार्मिक टाईप का
हो त मजा आ जायेगा, बाबा हेनरी का डे है , पूरा दिन ठीक रहेगा ।
हमने कहा – अबे ई बाबा हेनरी कौन है बे ?
भोला ने कहा – महाराज आज मंगलवार है और ई वानर राज हनुमान का दिन है कि नई ?
हमने कहा – हाँ त ?
वो बोला – हमने उनका स्वीट नेम रखा है, हनुमान का “हे” और वानर का “नरी” कुल मिलाकर हेनरी
हमने कहा – अबे ई बाबा हेनरी कौन है बे ?
भोला ने कहा – महाराज आज मंगलवार है और ई वानर राज हनुमान का दिन है कि नई ?
हमने कहा – हाँ त ?
वो बोला – हमने उनका स्वीट नेम रखा है, हनुमान का “हे” और वानर का “नरी” कुल मिलाकर हेनरी
हमने कहा - अच्छा , साले अब तुम भगवान लोगों को भी उँगली करने में बाज नई आ रहे हो
बे ।
वो बोला- महाराज हमारे भगवान इत्ते कमजोर नई हैं के हमारे उँगली करने से उनका कुछ बिगड़ जायेगा ।
हमने कहा – ई बात त है भोला ।
वो बोला- महाराज हमारे भगवान इत्ते कमजोर नई हैं के हमारे उँगली करने से उनका कुछ बिगड़ जायेगा ।
हमने कहा – ई बात त है भोला ।
वो बोला – त फेर महाराज , बताओ कुछ शास्त्र
पुराण का बात वरना हम समझ लेंगे आप भी ठग बाभन हो ।
हमने कहा - अबे सुन भोला , हम उ कथाबाँचने वाला ठग बाभन नई हैं, ओरिजनल हैं , तू क्या समझा है हमको ? हमने भी गूगल बाबा से
पूरा वेद पुराण का जानकारी इकठ्ठा किया है लेकिन उसका उपयोग केवल अपनी शुद्धि के
लिए करते है, माल बटोरने के
लिए नहीं, समझा ।
उसने पहली बार मेरा लगभग उपहास उड़ाते हुए कहा -
ले त फेर कुछ पुराण के बारे में बताओ , स्वर्ग नरक कौन जाता है ।
हम बोले – अबे साले बबलू के अजन्में बौद्धिक
औलाद , तू हमरा उँगली
करता है । त सुन , हनुमानजी से याद आया ...
गरूड़ पुराण में लिखा है। माईण्ड ईट, हमने नहीं लिखा गरूड़ पुराण में
लिखा है -
“ एकांत स्थान में मिली हुई परस्त्री को देखकर
भी जिनके मन में कामवासना का आगमन नहीं होता और वे पुरुष जो उस स्त्री को अपनी
माता बहन व पुत्री के रूप में देखते हैं, ऐसे लोग स्वर्ग में जाते हैं।“
वो बोला -जाना ही चाहिए महाराज, ऐसा आदमी जो जिन्दगी भर इहाँ एतना कंट्रोल कर खुदे अपना जीवन नरकमय
बना रखा है, उ का त मरने के
बाद स्वरग का फैसीलिटी मिलना ही चाहिए ।
पर ई बताओ महाराज, उँहा जाने के बाद स्वरग में ई सब ताँक-झाँक एलाऊड है का ?
हम बोले - अबे हमका का मालूम , हम कोनो स्वरग से
लौटकर आया हूँ का ?
अऊर सुन , अईसे भी गरूड़ पुराण के इ नियम के अनुसार हमको स्वरग का एलाटमेंट त बिल्कुल भी नई होने वाला ।
वो बोला – हमको भी नई होगा महाराज ...हम भी कुकुर हगाने के बहाने एही कारण से सुबह सुबह सैर सपाटा करते हैं।
हम कहा– ले ना बे, नरक में भी जायेंगे त कौन सा क्लाईमेट चेंज हो जायेगा ? इहाँ पर मन्नू मामा ने केतना बढ़िया सेम टू सेम माहौल बना के रखा है ।
वो बोला – महाराज ई त पूरा प्रवचन का पंच लाईन है, एकदम फ्रेश टंच माल है ।
– जय जोहार
अऊर सुन , अईसे भी गरूड़ पुराण के इ नियम के अनुसार हमको स्वरग का एलाटमेंट त बिल्कुल भी नई होने वाला ।
वो बोला – हमको भी नई होगा महाराज ...हम भी कुकुर हगाने के बहाने एही कारण से सुबह सुबह सैर सपाटा करते हैं।
हम कहा– ले ना बे, नरक में भी जायेंगे त कौन सा क्लाईमेट चेंज हो जायेगा ? इहाँ पर मन्नू मामा ने केतना बढ़िया सेम टू सेम माहौल बना के रखा है ।
वो बोला – महाराज ई त पूरा प्रवचन का पंच लाईन है, एकदम फ्रेश टंच माल है ।
– जय जोहार
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जवाब देंहटाएंबताओ कुछ शास्त्र पुराण का बात वरना हम समझ लेंगे आप भी ठग बाभन हो । ... haaahahahhahhaaaaa
जवाब देंहटाएंजाना ही चाहिए महाराज, ऐसा आदमी जो जिन्दगी भर इहाँ एतना कंट्रोल कर खुदे अपना जीवन नरकमय बना रखा है, उ का त मरने के बाद स्वरग का फैसीलिटी मिलना ही चाहिए ।
जवाब देंहटाएंपर ई बताओ महाराज, उँहा जाने के बाद स्वरग में ई सब ताँक-झाँक एलाऊड है का ?
:V :v :v :v..... toofaaann guru toofaannnn
कमाल
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
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