चेला भोला शंकर आज बहुत उदास दिखा । मैने उससे
पूछा - क्यूँ बे भोला रोज प्याज जैसी चमकदार दिखने वाली तेरी सूरत आज चूसे हुए आम
की तरह क्यूँ दिख रही है ?
उसने कहा - क्या बताऊँ महाराज , अपना धन्धा चालू होने के पहले ही ढप्प हो गया ।
मैने पूछा -
अबे ज्यादा मत फेंक , तू और धन्धा
करेगा , साले तुझसे तो दलाली भी नहीं आती , धन्धा क्या खाक करेगा । बेटा किसी सरकारी दफ्तर
में जुगाड़ जमा और मुफ्त की रोटियाँ तोड़ । यही तेरे भविष्य के अच्छा है और तेरी
काबिलियत भी बस इतनी ही है ।
भोला बोला - महाराज उसी के जुगाड़ का धन्धा तो
ढप्प हो गया है ।
हमने कहा - कैसे बे ? कोई
बिचौलिया नेता तुझसे नौकरी दिलाने के एवज में पैसा तो नहीं ढग लिया ?
उसने कहा - नहीं महाराज , हमारे पिलान के हिसाब से नौकरी के लिए भटक रहे
एक ठुल्ला को पटाये और उसको समझाये रहे के बेटा तुझे हम सरकारी नौकरी दिला देंगे ।
तो वो ठुल्ला पुछा – केतना पईसा लगेन्गा?
हम बोले चले बे ठुल्ले पईसा लेकर ही नौकरी में लगाना होता त हम खुदे अब तक रिटायर हो गये होते । कोई टुच्चे-मुच्चे दलाल नहीं है , चीनी उँगली महाराज के चेले हैं, सारा जुगाड़ आईडिया से लगाते हैं ।
भोला शंकर की नजर में अपनी इज्जत देखकर हमारा सीना गर्व से पाकिस्तान और बाँग्लादेश की सीमाओं तक फूल गया और दिमाग एकदम से द्रोणाचार्य सा होकर एकलव्य से एक पेटी ब्लेक डॉग दक्षिणा में माँगने का होने लगा लेकिन दिल साला बहुत ही कमजोर है इसलिए बगावत कर गया ।
हमने खुद के दिल और दिमाग में सुलह करवाते हुए भोला से पूछा – फेर क्या हुआ ?
भोला ने कहा – हम उका समझाए के देख ठुल्ला तुम्हरा के करना कुछ नई है बस हम जैसा कह रहा हूँ उसका फालो करो ।
ठुल्ला बोला – का करें ?
भोला ने कहा - देखो , हम दुनो मुजफ्फर नगर चलतें है और हम तुम्हरा खिलाफ थाना में रिपोर्ट डालते हैं के दंगा में तुम्हरा हाथ है ।
ठुला पुछा - इससे त हम जेल चला जाऊँगा ।
भोला ने कहा - हट बुड़बक , जेल त महात्मा गाँधी भी गये थे .. तुम अमर हो जाओगे ।
हम बोले चले बे ठुल्ले पईसा लेकर ही नौकरी में लगाना होता त हम खुदे अब तक रिटायर हो गये होते । कोई टुच्चे-मुच्चे दलाल नहीं है , चीनी उँगली महाराज के चेले हैं, सारा जुगाड़ आईडिया से लगाते हैं ।
भोला शंकर की नजर में अपनी इज्जत देखकर हमारा सीना गर्व से पाकिस्तान और बाँग्लादेश की सीमाओं तक फूल गया और दिमाग एकदम से द्रोणाचार्य सा होकर एकलव्य से एक पेटी ब्लेक डॉग दक्षिणा में माँगने का होने लगा लेकिन दिल साला बहुत ही कमजोर है इसलिए बगावत कर गया ।
हमने खुद के दिल और दिमाग में सुलह करवाते हुए भोला से पूछा – फेर क्या हुआ ?
भोला ने कहा – हम उका समझाए के देख ठुल्ला तुम्हरा के करना कुछ नई है बस हम जैसा कह रहा हूँ उसका फालो करो ।
ठुल्ला बोला – का करें ?
भोला ने कहा - देखो , हम दुनो मुजफ्फर नगर चलतें है और हम तुम्हरा खिलाफ थाना में रिपोर्ट डालते हैं के दंगा में तुम्हरा हाथ है ।
ठुला पुछा - इससे त हम जेल चला जाऊँगा ।
भोला ने कहा - हट बुड़बक , जेल त महात्मा गाँधी भी गये थे .. तुम अमर हो जाओगे ।
ठुल्ला कहा – हम अमर नहीं ,, जी कर अपना परिवार का खर्चा चलाना चाहता हूँ ।
भोला बोला – अबे बुड़बक हम भी उसी का जुगाड़ कर रहें हैं , देख जब कोर्ट में गवाही की बारी आयेगी त हम तुम्हे पहचानने से इंकार कर देंगे और तुम्हारी रिहाई हो जायेगी और तुम्हारे रिहा होते ही सरकार तुम्हारे लिए सरकारी नौकरी का इंतजाम और नकद मुआवजे का जुगाड़ कर देगा । लेकिन खयाल रहे तुम साले खाली सरकारी नौकरी करोगे और जो नकद मुआवजा मिले उस पर हमारा हक होगा, याने मुआवजे का सारा रकम हम लेंगें । शर्त मंजूर त बताओ वरना हम दूसरा ठुल्ला खोजेंगे ।
फेर का हुआ ???
फेर होना का था महाराज .. अन्धा कोनो ऐश्वर्या के आँख के लिए बार्गेनिन्ग करता है का ???
मामला सेटल हो गया और हम दूनो पिलानिन्ग के
हिसाब से बिदाऊट टिकट दिल्ली वाले गरीब रथ टिरेन में सवार हो गये । साला ट्रेन में
धक्का खाकर दोनो मुजफ्फरनगर जाने के लिए दिल्ली स्टेशन में उतरे ही थे कि टेशन पर लगे बड़े एलसीडी टीभी के न्यूज में बताया हैदराबाद कोर्ट ने अन्धरा सरकार को लतियाते हुए कहा के साले ये
कोई तुम्हारे बाप की जागीर नहीं है जो खैरात में बाँट दो । जिन ठुल्लों को नौकरी और मुआवजा दिये हो उन सबका
नौकरी से बर्खास्त करो और मुआवजा का पईसा वसूल करो ।
इ सुनते ही हमरा माथा ठनका और महाराज सच बतायें हम कोनो मुल्ला यम और आझम खाँ टाईप का अकल लेस त है नहीं के अपने फायदे के लिए मासूम ठुल्ले को फँसवा दे । मायूस होकर वापस गाँव लौट आए ।
ठुल्ला आज फेर हमसे पूछ रहा है - भोला भाई जान हमार स्थिति कब सुधरेगी ?
त तुमने उस ठुल्ले को का समझाया ?
हम का समझाते महाराज और हम समझा भी देते त उ ठुल्ला समझ जाता का ????
..मगर हमारे इस नेकदिली से एक बात उ ठुल्ला के
समझ में आ गई के जब तक ठुल्ला लोग मुल्ला
यम जैसे नेता के बहकावे में आकर वोट बैंक बना रहेगा तब तक खुदा भी इनका कोई मदद
नहीं कर सकता ।
और हमसे कह रहा था ... भोला भाई ,
ना धर्म पर ना जात पर, अबकी मुहर लगायेंगे सिर्फ विकास पर ।