रविवार, 2 अक्तूबर 2011

लेटर टू बापू ऑन हिस बर्थडे



मेरे नेशनल फादर बोले तो बापू ...

गुड मार्निंग एंड हैप्पी बर्थ डे टू यू
 

यहाँ कुशल गुसल है मेरे सांई
वहाँ कुशल तुम जानो रघुराई 

लिखना हाल समाचार ये है कि हमे यकीन है तुम स्वर्ग में भी रहकर खुश नहीं होगे क्योंकि तुम्हे तो हमेशा से दूसरों के लिए परेशान रहने की बीमारी थी इसलिए तो शायद अच्छा खासा बैरिस्टर का काम धाम छोड़ दिया ! अपना कोट पैंट उताकर लगोंटी पहन ली और चले देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने !  

हमें यहाँ अभी अभी कुछ दिन पहले ही सरकार द्वारा 26 रूपये से ज्यादा आमदनी होने के कारण अमीर घोषित कर सम्मान दिया गया हैं इसलिए ना चाहते हुए भी कहना पड़ रहा है कि इतने बम धमाकों और भूकम्प, बाढ़, सूखा जैसे प्राकृतिक विपदाओं के होते हुए भी बंदूको के साये में सुखी एवं प्रसन्नचित्त हैं ! जाहिर है पूर्णत: अकुशल ही होंगे ! 

बापू आगे समाचार ये है कि आजकल कुछ वर्षों से मंहगाई की समस्या ही समाप्त हो गई है ! ये मुई तो अब सोकर उठने से लेकर फिर से सोने तक हमारे दिनचर्या में श्वाँस की तरह शामिल हो गई है इसलिए अब सात जन्मों की हमसफर सी लगने लगी है ! इसलिए अब जिसके साथ जीवनभर चलना हो उसे सार्वजनिक रूप से समस्या भी तो नहीं कहा जा सकता ! यदि उसे हम ऐसा कहते हैं तो ससुरी मुँहफुला कर कहती है कि हमें समस्या कहते हो, दम है तो अपनी लुगाई को भी सार्वजनिक रूप से समस्या कह कर बताओ, तो जाने असली मर्द हो ! बस क्या बाबा बंगाली जैसी अपनी कमजोरी छुपाने के लिए अब चुप ही रहते हैं !  

कल ही कलमुँही चिढ़ाकर कह रही थी आधीवाणी बाबू , खूब हमें गँभीर समस्या बता रहे थे और कह रहे थे मँहगाई ने कमर तोड़ दी ! अब अगर दम है तो यही उपाधि जरा अपनी घरवाली गुज्जी बेन को देकर देखो, सिर ही ना फोड़ दे तो कहना !

और आपसे क्या कहें बापू, आपके ये चेले चपाटों की दया है, बड़ा खयाल रखते हैं हमारा, कभी तकलीफ में कोई कमी आने ही नहीं देते ! बस जाते जाते बापू तुमसे एक शिकायत थी हो सके तो दूर कर देना !  

ये तुम्हारे चेले चपाटे तुम्हारा बर्थ डे भी ठीक से नहीं मनाने देते ! दिन भर ये मुर्दाबादी तुम्हारे नाम का टोपी पहन कर अपने आप को गाँधीवादी बताते हैं ! तुम्हारे चौक चौराहों में खुले आसमान के नीचे भीगते सुखते थ्री डायमेंशनल फिगर जिसे साल भर फ्लाईंग एनिमल अपने वॉच टॉवर के रूप में इस्तेमाल करते हैको धो पोछकर माला चढ़ा अपने आप को गौरांवित महसूस करते हैं ! समझ में नहीं आता कि ये गाँधीवादी हैं या गाँधीबर्बादी हैं ! 

खैर जो भी हो मूल मुद्दा ये है कि अब तो आप भगवान से डाईरेक्ट बात कर सकते हो ! तो उनसे बोलकर इन गाँधीबर्बादीयों को जरा आप सन्मति दिलावाओ !  

अरे खुद तो आपका बर्थ डे ढंग से सेलीब्रेट करते नहीं और उपर से सारे देश में आज के दिन ड्राई डे घोषित कर हमें भी ढंग से सेलीब्रेट करने नहीं देते ! वो तो हम ओरिजनल पंजीकृत मोमबत्ती ब्रिग्रेडी बुध्दजीवी हैं इसलिए होशियारी से एक दिन पहले ही स्टॉक जमा कर लेते हैं और आपका हैप्पी बर्थ डे सेलीब्रेट करते हैं लेकिन आप तो जानते हैं हमारे देश की अस्सी प्रतिशत जनता गाँवो में रहती है और भोली भाली है इसलिए उनको बड़ी तकलीफ होती है ! कुछ बेचारे मजबूरी में ब्लेक में खरीदकर सेलीब्रेट करते हैं जो अच्छी बात नहीं हैं!

लेकिन इस वर्ष मुझे एक्स्क्यूज करेंगे क्योंकि जैसे ओमपुरी, अन्ना के अनशन के बीच में आ कर फँस गया था वैसे ही आपका बर्थडे अब के पित्र पक्ष के बीच में फँस गया इसलिए सेलीब्रेट नहीं कर पा रहा हूँ ! आशा ही नहीं बल्कि यकीन है कि आप मेरे दुख दर्द को समझ रहे होगें!  

आखीर में हमारे देश से वहाँ पधारे सभी गणमान्य महानुभावों को मेरा गुड आफ्टरनून कहना ! मुझे मालूम है वे लोग जो नर्क में होंगे वो तो वहाँ भी जुगाड़ कर ऐश कर रहे होंगे लेकिन जो आपके साथ स्वर्ग में होंगे उन्हे कहना हमारे लिए ज्यादा चिंता ना करें वैसे भी उन्होने अपना जीवन तो हमारे लिए बलिदान कर ही दिया है कम से कम अब वे चैन और सुख शांति से रहें !  

छोटे लाल बहादुर को मैंने अलग से एस एम एस कर हैप्पी बर्थ डे विश किया है शायद उन्हे मिल गया होगा ! अगर नेटवर्क जाम होने के कारण नहीं मिला हो तो उन्हे भी मेरी तरफ से हैप्पी बर्थडे विश कर देना !

वन्स अगेन हैप्पी बर्थडे टू यू व्हेरी मच एण्ड मेनी मेनी रिटर्न्स ऑफ द डे बट नॉट डिक्लियर्ड एस ए ड्राई डे ! चीयर्स .....

योर मोस्ट ब्लडी का फूल
काजू लाल चिरौंजीचीयर्स
आफिसर्स च्वाईस निवास
क्वाटर नं 1मेक्डावल रम
पोस्ट रायल स्टेग खम्बा
मुगल मोनार्च , एंटीक्यूटी 000420

8 टिप्‍पणियां:

  1. ab tera kya hoga mamu...........(Sorry)
    par bahut mast likha hai aapne or shayad sach bhi........

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  2. बहुत अच्छा विषय पकड़ा है.......मैंने भी गाँधी बाबा को फ़ोन मिलाने की कोशिश की थी.....परन्तु आउट ऑफ़ कवरेज एरिया आ रहा था.....इसलिए बात नहीं हो पाई ......

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  3. बहुत अच्‍छा लिख्‍ा है सर अब तारीफ कैसे करूँ श्‍ाब्‍द ही न मिल रहे हैं

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  4. बधाई... और पितर पक्ष व ड्राई डे की डबल मार पड़ने के लिए खेद :):):)...

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