सोमवार, 13 अक्तूबर 2014

मोफलर चाचा की हुदहुद

आधी रात से हुदहुद ने मौसम सुहाना बना दिया है । माने के लल्लन टोप मौसम है ऐसे में भोला शंक़र हमे ज्ञान दे रहा था - महाराज , आपको मालूम है , ये जो तूफान वगैरह आते हैं , जैसा कि आपके बस्तर के तरफ अभी आया हुआ है , उसका नामकरण प्रत्येक देश को बारी बारी से करने का मौका मिलता है । माने के जैसे पिछले बार पाकिस्तान ने नीलोफर  रखा था और इस बार ओमान ने हुद हुद रखा है । 

हमने कहा - अबे पप्पू के मानस भ्राता , हमको पता है , अब तू हमको इण्डिया टीवी देखकर ज्ञान मत बघारा कर ।

भोला ताव में आ गया और हमारी जबरन नालेज टेस्ट करने की नीयत से सवाल दागा -  अच्छा तो फेर ये बताओ ऐसा क्यूँ किया जाता है और तबाही मचाने वाले तूफान का नाम इतना मासूम क्यूँ होता है ?

हमने कहा - अरे बिलावल के फूफा , ऐसा इसलिए किया जाता है क्योकि आम लोगों को तूफान के बारे में लिखित या ब्रॉडकास्टिंग के जरिए जानकारी दिया जा सके और उनके बीच आसानी से इसका प्रचार हो और वे इससे बचाव हेतु सचेत हो सकें , इसलिए जरूरी है तूफान का नाम होना । 1950 तक तूफानों को उनके सन् के हिसाब से जाना जाता था, जैसे 1946 , 1946 बी। लेकिन 1950 के बाद तूफानों के खतरनाक व्यवहार को देखकर महिला नाम रखा जाने लगा । फिर शायद महिला मुक्ति मोर्चा और महिला अधिकारो के लिए लड़ने वाले तलाकशुदा मानवाधिकारियों के दबाव में 1979 से तूफानों का नाम पुरुषों के नाम पर भी रखा जाने लगा। पर अब भी जनमानस में जागरूकता लाने हेतु ज्यादा खतरनाक तूफान का नाम महिलाओं के नाम पर ही रखने का रिवाज है ।

भोला आश्चर्यचकित होकर बोला - सही में ऐसा है क्या महाराज ?

हमने कहा – और नहीं तो क्या । हमने तो जबरिया एक तूफान का नाम तेरे सम्मान में भी रखवाया था।

भोला शर्माते हुए बोला - आप भी ना महाराज , कभी कभी एकदम मोदीजी टाईप हो जाते हो ।

हमने कहा  - अबे नहीं बे, रिकार्ड उठाकर देख ,
भोला नाम का समुद्री तूफान बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल से 12 नवंबर 1970 को टकराया था। तूफान के साथ आई तबाही और उसके बाद बीमारी फैलने से 3 से 5 लाख लोगों की मौत हो गई थी।

भोला बोला – वाह महाराज, तब तो आप और मैं दूनो पैदा नहीं हुए थे ।

हमने कहा – अबे घोंचूँ, शरीर नश्वर है और आत्मा अमर है । और हम संजय हैं , द्वापर युग में प्राईवेट चैनल नही होता था और उस समय के एकमात्र सरकारी मीडिया “प्रसार भारती” पूरा अधिकार हमारे ही कब्जे में था । जब कृष्ण कुरूक्षेत्र मे गीता उपदेश दे रहे थे तब हमने राजभवन मे उसका प्राईवेट लाईव टेलीकास्ट करने के एवज मे शर्त रखी थी कि कलयुग में हमारा एक चेला होगा “भोलाशंकर” उसके नाम से भी एक तूफान का नामकरण होना चाहिए ।  बस फिर क्या था , कृष्ण को अपने मीडिया मैनेजमेण्ट की खातिर हमारी बात माननी पड़ी और यमराज को नोटशीट लिखकर भेज दिया “कलयुग में जब भी बंगाल की खाड़ी में तूफान आयेगा भोला के नाम से जाना जायेगा।“
 
भोला हमारे दिव्य ज्ञान और अपने गुरूचयन पर अभिमान करते हुए बोला - महाराज , इसलिए तो आपकी इतनी इज्जत करते हैं , वरना अपन तो अपने बाप की भी ...  

मैने बीच में रोक कर बोला - भोला अब इसमें अन-अथराईज्ड बाप को बीच मे मत ला । ये हम दोनो की मजबूरी है ।

भोला पूछा- वो कैसे महाराज

हमने कहा  - अपन दोनो के पास कोई सेकेण्ड्री ऑप्शन ही नहीं है ।

भोला बोला -  ऑप्शन की माँ की आँख,  हमको ऐसा कोई ऑप्शन की जरूरत भी नहीं है । आपको चाहिए तो ढूँढ लो ।

हम बोले - ढूँढ तो लें, पर तुझसे कम दिमाग वाला कोई मिले तब ना ?

भोला बात को घुमाते हुए बोला - अब छोडिये इन बेमतलब  की बातों को । आप मुझे ये बताईये , ये पाकिस्तान , ओमान , अफगानिस्तान सबको तूफान का नाम रखने का मौका मिलता है । अपने भारत को नहीं मिलता क्या ?

हमने कहा – मिलता है ना ।

भोला बोला - अच्छा तो 2005 में अमेरिका में जो तूफान आया रहा उसका नाम कटॅरीना हम ही लोग रखे थे क्या?

हमने कहा – नई बे , इतना भयंकर नाम अपन क्यूँ रखेंगे । उ त साले अमेरिका वाले चिकनी चमेली के धोखे में आकर रखे और खुदे निपट गये । अपन दिमाग वाले लोग है, सोच समझकर ऐसा नाम रखते हैं कि तूफान पहुँचने से पहले ही फुस्स हो जाय और नुकसान न हो ।

भोला बोला – वो कैसे महाराज ?

हमने कहा – तू भूल गया क्या ?  पिछले साल जंतर मंतर स्टूडियो में पूरा मीडिया में विशेषज्ञ लोग दावा ठोक के कह रहे कि मई 2014 को दिल्ली में भयंकर जन सैलाब आयेगा जो देश को बदलकर देगा, और उसका नाम “जन लोकपाल” रख दिये थे ।

भोला बोला – हाँ महाराज ।

अपन ने समझदारी दिखाई और मोफलर चाचा के कान में मंतर फूँका – चाचा, नोबाल एवार्ड चाहिए तो पापिंग क्रीज के बाहर निकलो और इस तूफान का नाम बदलकर “आपा” रखो । चचा झाँसे में आ गया और आपा का पापा सोडा बॉटल की तरह ढक्कन खुलते ही फुस्स हो गया ।

 भोला बोला – अच्छा, तभी मोफलर चाचा बार बार कहते रहतें हैं “सब मिले हुए हैं जी और यही स्कैम है , हम इसकी जाँच करवायेंगे।“


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