शनिवार, 18 अक्तूबर 2014

भोला शंकर की कुटाई

भोला शकर ने आज कराहते हुए आवाज दी - नमोस्कार महाराज ।

हमने उसे बिना देखे अन्दर से ही चमकाया -  क्यूँ बे प्रेम शुक्ला के चारित्रिक सहोदर, कल रात कहाँ पिट रहा था, जो आया  नहीं । तू आया नही तो आईडिया भी नहीं आया , लोगबाग कितना परेशान हुए मालूम है ?

भोला श्रद्धा से परिपूर्ण स्वर में बोला - महाराज, आप वाकई मे धन्य है। मै दावे के साथ कह सकता हूँ कि आप महाभारत वाले ही संजय हो ।

हम टावेल से मुँह पोछते हुए बाहर निकले और अब भी उसे बिना देखे ही कहा -  कैसे बे ?

भोला बोला – महाराज, आज फिर आपने बिना देखे ही जान लिया की हम कल रात पीटे हैं । 
बिना  देखे ही कईसे जान लेते हैं आप ये सब ? माने के पूछ रहें हैं । 

हमने मुँह से टावेल हटाया तो देखा भोला के शरीर पर कपड़े से ज्यादा अस्पताल की पट्टियाँ बँधी हुई हैं । चौकते हुए बोले – अबे, ये क्या? क्यूँ इतनी पीता है कि नाली में गिर पड़े । और सुन अब नाली में गिरने को मोदी जी के सफाई अभियान से मत जोड़ना समझा ।

भोला बोला – अब हमें इतना भी गिरा हुआ मत समझे महाराज । हम गिरे हुए नही है, पिटे हुए हैं । सही बात कहें तो जबरिया पिटवाये गये हैं ।

हमने कहा – ओ तेरी, अबे किस कमीने बेशर्म ने तुझे पीटा । एक दबे कुचले
7up कोलड्रिंक के ब्राण्ड एम्बेसेडर को पीटने मे उसे जरा भी लज्जा नहीं आई । कायदे से तो तुझ जैसे को पीटने पर पीटा संगठन को उग्र आन्दोलन करना चाहिए । 

भोला की आँखो में चमक आ गई, पूछा – ये पीटा वाले कौन हैं महाराज, मैं आज ही उनको जाकर सारी घटना बताता हूँ ।

हमने कहा – अबे
PETA मतलब People for the Ethical Treatment of Animals.



भोला का दर्द फिर से जाग उठा और बोला – महाराज आप भी ना आताताई हो , कहीं भी उँगली कर देते हो ।

हमने उसके मानसिक जख्मो पर मरहम लगाने के उद्देश्य से पुचकार कर पूछा – अरे नही रे भोला, ऐसी बात नही है। अच्छा बता, किन चर्मकारों ने तेरा ये हुलिया बनाया? आखिर तुझसे इतनी नफरत क्यूँ ?

 भोला बोला – नफरत नही महाराज, प्यार के भुक्खड़ लोगों ने मेरी ये गत बना दी । ये सब साले “जवाहर भगिनी सुरक्षा योजना” की पैदाईश है ।

हमने कहा – अबे ये “जवाहर भगिनी सुरक्षा योजना” क्या है ?

भोला बोला – महाराज, ये ऐसे लौंडो की फौज है जिन्हे हर लड़की मे महबूबा दिखती है और हर लडकी को इनमें फ्री ऑफ कॉस्ट भाई ।

हमने कहा – अब ये फ्री ऑफ कॉस्ट भाई क्या होता है ?

भोला बोला – महाराज, ऐसा भाई जिसको पैदा करने मे माँ को तकलीफ और परवरिश करने मे बाप को एक दमड़ी भी खर्चा नहीं करना पड़ता।
माने के “मान न मान, मै तेरा सलमान"

हमने कहा – अच्छा ये बता, ये पवित्र घटना हुई कैसे ?

भोला बोला – महाराज , कल शाम मै आपके ही घर की ओर आ रहा था, तब सामने से मेरे ही साईड पर एक नव युवती मुँह मे कफन लपेटे अपनी स्कूटी को ऑटो पायलेट मोड में डाले मोबाईल से बात करती हुई चली आ रही थी ।

हमने कहा -  अबे जब मुँह मे कफन बाँधी थी तो तुझे पता कैसे चला कि वो नवयुवती है ?

भोला बोला – मैने उसे प्रथम दृष्टया उसे संदेह का लाभ दिया महाराज ।

हमने कहा – अच्छा ठीक, फेर क्या हुआ ?

भोला बोला – अपनी ओर आता देख मैने प्रेशर हार्न दबा दिया ।

हमने कहा – किसका ?

भोला बोला –  अपनी बाईक का और किसका ?

हमने कहा –  फेर ?

भोला बोला –  फिर क्या था, नवयुवती और उसकी स्कूटी ने आपस में स्थान बदल लिया ।

हमने कहा – मतलब ? 

भोला बोला – मतलब युवती ने सड़क पकड़ ली और स्कूटी उस पर सवार हो गई ।

भोला घटना को विस्तार से बताने लगा – महाराज मैं जोर से चिल्लाया , देखकर नहीं चल सकती क्या? बच गई वरना प्रेग्नेंट हो जाती ।

बस मेरा इतना ही कहना था कि उसने जोर से चिल्लाया – बद्तमीज । 


उसका इस करूण आह्वाहन सुनकर “जवाहर भगिनी योजना” के स्वयंसेवी कार्यकर्ताओ की फौज इकठ्ठी हो गई । उसने अपनी सेंडिल मेरी ओर ऐसे उछाला जैसे कह रही हो “यलगार हो” । आदेश पाते ही JBY कार्यकर्ताओं ने हमारी ऐसी दुर्गति बनाई जैसे मोदी ने विपक्षियों की । हमने उनसे कहा भी – अबे हम “भोला” हैं लेकिन साले ऐसी तन्मयता से पीटते रहे जैसे मोदी की नकल कर  “भोला मुक्त भारत” बनाना चाहते हों । मैने उनसे कहा भी – भाई लोगों, मेरी मंशा बिलकुल साफ है, मैं इन्हे प्रेग्नेंट नही करना चाहता हूँ ।

हमने कहा – अच्छा, तू हेलमेट नही पहना था क्या ?

भोला बोला – महाराज आप भी ना अच्छा मजाक कर लेते हो । हम ठहरे ब्रह्मचारी आदमी , हमे हेलमेट पहनने की क्या जरूरत ?

हमने कहा – अबे अक्ल के अंधे, हम बाईक चलाते समय पहनने वाले हेलमेट की बात कह रहें है ।

भोला बोला – अच्छा वो, महाराज हम यातायात नियमो का सदैव पालन करते हैं, माने के उस समय हम बाकायदा हेलमेट पहने हुए थे ।

हमने पूछा- तो फिर सिर पर चोट कैसे आई? माने के क्या तेरा हेलमेट ISI मार्का वाला नहीं था?

भोला बोला – महाराज, सिर पर चोट पिटाई की दूसरी किस्त मे आई ।

हमने कहा – कैसे ?

भोला ने बताया –
JBY वाले वनबन्धु हमारी कुटाई से थक जाने के बाद प्रमाणपत्र लेने के उद्देश्य से उस युवती के पास ले गये और बोले कान पकड कर बोल के आईन्दा ऐसी गलती नही करेगा । मैं अपना कान पकडने के लिए जैसे ही हेलमेट निकाला उसी समय युवती ने भी अपना मुँह मे बाँधा कफन खोल दिया। जैसे ही मैने उसका चेहरा देखा आत्मग्लानी से भर गया । वो तो 45-50 साल पुरानी विंटेज मॉडल निकली जिसने शायद करवाचौथ पर अपना डेंटिंग पेंटिंग करवाया था । मैं ठगा हुआ महसूस करता हुआ बोला – माताजी मुझसे गलती हो गई आईन्दा ऐसी गलती नही करूँगा । लेकिन ऐसा कहते हुए अपनी खीज भी नहीं दबा सका और मुँह से अनायास निकल गया  वैसे भी आप प्रेग्नेंट नहीं हो सकती, उस उम्र को आप सदियो पहले
पार कर चुकी हैं ।

 बस इतना सुनना था कि उसका हील वाला सैडल और मेरा नंगा सिर दोनो प्यार में ऐसे खो गये जैसे टी-
20 वर्ल्‍ड कप में युवराज का बल्ला और स्‍टुअर्ट ब्रॉड की गेन्द ।

हमने कहा – वो सब तो ठीक ही किये पर तूने उसे प्रेग्नेंट वाली बात क्यूँ कही ?

भोला बोला – वाह महाराज , आप भी ना एकदम अंजान मत बनो । कई शिक्षाप्रद बालीवुड फिल्मो मे दिखाया गया है कि हिरोईन जब हीरो की गाड़ी से टकरा जाती है फेर उनकी नजरें मिलती है । उनके इस मेल मुलाकात से बागीचा के फूल आपस मे टकराते है । और चार छ महीना बाद हीरोईन कहती है – सुरेश, मै तुम्हारे बच्चे की माँ बनने वाली हूँ ।

महाराज, मै ठहरा बाल ब्रह्मचारी, अपना ब्रह्मचर्य खतरे मे देख गुस्से मे आ गया और बोल दिया ।

बताईये कुछ गलत कहा क्या मैनें ????  

2 टिप्‍पणियां:

  1. हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा …… पूरा बाद में पढ़ूगा अभी हस लेने दो ....... आई लभ यु गुरु ;)

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