रविवार, 28 अगस्त 2011

ओरिजनल लोकपाल

मेरा चेला भोलाशंकर आज मुझे अजीब उलझन में डाल दिया है ! जिद लेकर बैठ गया है, बार बार मुझसे यही कह रहा है – “अमूल बाबा को सोमवार को लोकपाल ड्राफ्ट पर भाषण देना है और मुझे लिखने को कहा है ऐसा सुनहरा मौका मैं खोना नहीं चाहता लेकिन आपसे बेहतर कौन लिख सकता है इसलिए आप लोकपाल ड्राफ्ट पर एक अच्छा सा भाषण लिख दीजिए !

अजीब उलझन में हूँ अभी अभी अन्ना को मना कर फुर्सत पाया हूँ ! इतनी जल्दी अब कहाँ से लोकपाल के लिए नया मटेरियल लाऊँ ! अचानक मेरे मोमबत्ती ब्रिग्रेडी दिमाग में आईडिया आया, सोचा भाषण तो अमूल बाबा को देना है क्या फर्क पड़ता है क्या लिखा है बस अलग हट कर कुछ होना चाहिए! गाय का निबंध याद था उसी को बेस बनाकर एक महान भाषण तैयार कर दिया है ! आप भी गौर फरमायें और कुछ अमूलसुझाव हो तो बतायें

लोकपाल एक राजनैतिक पालतू कानून है ! सामान्यत: किसी भी कानून का हाथ पैर सिर और पूँछ होता है लेकिन हमें सभी समाज को साथ लेकर चलना है इसलिए लोकपाल बेसिरपैर का होना चाहिए ! हमारे सामने वैसे तो मुख्य रूप से दो लोकपाल हैं पहला जर्सी लोकपाल दूसरा देशी लोकपाल ! जर्सी लोकपाल जो सरकार का है ! देशी लोकपाल जिसे गाँव के देहाती समाज के लोग तैयार कर जनलोकपाल कह रहे है ! वैसे हमारे पास अन्य दो लोकपाल अरूणा लोकपाल और जयप्रकाश लोकपाल भी हैं जो देखने में तो देशी लोकपाल लगते हैं लेकिन ये जर्सी लोकपाल के क्रासबीड हैं इसलिए इन पर भी विचार किया जाना चाहिए ! सामान्यतया: कोई भी कानून बनाने का हमारा उद्देश्य देश की गरीब जनता को दूध देने हेतु होना चाहिए लेकिन इससे अन्न दाताओं को ये अपने सिंग से घायल न कर दे इसका विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए ! लोकपाल किसी का भी हो उसके चारा खाने की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए तथा उसके दूध देने की बाध्यता नहीं होनी चाहिए और कोई इस हेतु उसे कोई प्रताड़ित नहीं करे इसका समुचित प्रावधान होना चाहिए अत: इसे वैधानिक मान्यता प्रदान किया जाना चाहिए ! लोकपाल देश में कहीं भी किसी की बाड़ी में घुसकर चारा खा सकता है लेकिन वो गोलभवन में न घुस पाये इसके लिए समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए ! अब अगर लोकपाल नियमित चारा खायेगा, तो हो सकता है कभी उसको दूध देने की भी इच्छा हो, ऐसे में जहाँ हम चाहें वो वहीं दूध दे इसके लिए उसे खूँटे से बाँधने के लिए रस्सी भी हमारे पास होना चाहिए और जब देश को उन्नति के रास्ते पर ले जाने का सारा बोझ हमारे कंधों पर है तो हमारा स्वस्थ और सुरक्षित रहना ज्यादा जरूरी है इसलिए लोकपाल अहिंसक हो तथा हमें कोई क्षति ना पहुँचा सके इसका विशेष प्रबंध किया जाय !इन्ही सिध्दांतों पर बना लोकपाल ही देश एवं जनता के हित में होगा ! हमारा हाथ गरीबों के गले पर !! जय हो !!

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